This blog comprises of many thoughts as well as articles on social issues, politics, government, philosophy, environment, animals, discrimination and other relevant topics.
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Saturday, 30 January 2016
Thought of the day, 30th January 2016
Irony of life-
The amount of food left by some after filling their stomach, is equal to the only amount some others get to eat.
Thursday, 21 January 2016
Thought of the day, 21st January 2016
उनको भुला ने के लिए अक्सर हम सो जाया करते थे, पर अब तो कमबख्त सपने भी उन्ही के आते हैं।
-आलोक
Wednesday, 6 January 2016
हृदय की संवेदना
वास्तव में दुनिया बड़ी बुरी है
यहाँ विश्वास कांच से जल्दी टूट जाता है,
अपना समझना किसी को एक बेवकूफी है
गला उन्ही के हाथों से घुट जाता है,
गुस्सा भी एक भवना है
पर रोने वाले को ही भावुक माना जाता है,
यहाँ जीना एक बोझ सा है लेकिन खुदखुशी कायरता बन जाता है,
उस तराज़ू की कोई कीमत नहीं होती जिसमे लोहा और सोना एक साथ तोला जाता है,
सोना कीमती होते हुए भी कीमत का नहीं है
उसे भी लोहे की अलमारी में रख दिया जाता है,
यहाँ गलती के लिए माफ़ी मांगते हैं
परंतु गुनाह करने पर बचाव किया जाता है,
यहाँ दाँतों की संवेदना का दुःख है
पर हृदय की संवेदना का दर्द समझा नहीं जाता है,
वास्तव में दुनिया बड़ी बुरी है
यहाँ विश्वास कांच से जल्दी टूट जाता है।
-आलोक
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