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Wednesday 6 January 2016

हृदय की संवेदना

वास्तव में दुनिया बड़ी बुरी है
यहाँ विश्वास कांच से जल्दी टूट जाता है,
अपना समझना किसी को एक बेवकूफी है
गला उन्ही के हाथों से घुट जाता है,
गुस्सा भी एक भवना है
पर रोने वाले को ही भावुक माना जाता है,
यहाँ जीना एक बोझ सा है लेकिन खुदखुशी कायरता बन जाता है,
उस तराज़ू की कोई कीमत नहीं होती जिसमे लोहा और सोना एक साथ तोला जाता है,
सोना कीमती होते हुए भी कीमत का नहीं है
उसे भी लोहे की अलमारी में रख दिया जाता है,
यहाँ गलती के लिए माफ़ी मांगते हैं
परंतु गुनाह करने पर बचाव किया जाता है,
यहाँ दाँतों की संवेदना का दुःख है
पर हृदय की संवेदना का दर्द समझा नहीं जाता है,
वास्तव में दुनिया बड़ी बुरी है
यहाँ विश्वास कांच से जल्दी टूट जाता है।
-आलोक

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